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Monday, March 17, 2025

मॉर्निंग अलार्म बनकर।




 हर सुबह आती है सदा उस ओर से पैग़ाम बनकर,
सुब्ह की नई किरण सी, एक नई सौग़ात बनकर।
चली आ, प्यारी, तू जगा देती है मुझे,
कभी ख़्वाबों में, कभी मॉर्निंग अलार्म बनकर।

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