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Monday, March 17, 2025

दिल है वहीं, दिल था जहाँ

दुर्गम नहीं तो सृजन कहाँ,
दिल है वहीं, दिल था जहाँ।
वो रात सी थी खामोशियाँ,
दिन भी थे कुछ गिने-चुने।

भर आगोश में या हो जुदा,
दिल है वहीं, दिल था जहाँ।
ये है शमा, जहाँ दिल था थमा,
जो कल था जहाँ, है वो अब भी वहाँ।

न वस्ल हुई, न जुदा रहे,
न ख़्वाब सजे, न ख़्वाब बने।
है वो दिल कहाँ, जो था यहाँ,
या दिल है वहीं, दिल था जहाँ।

अम्बर फुलकरियों से फिर है सजा,
मेघ उमड़ते, बरसते रहे सदा।
है दिल वहीं, दिल था जहाँ,
या दिल है वहीं, दिल था जहाँ।

आ थाम ले, आ थाम ले,
या दे मुबारकाँ जो है सजी।
तेरी खुशियाँ जहाँ,
मैं हूँ वहीं, तेरी खुशियाँ जहाँ।

है ये जहाँ, वो भी जहाँ,
आ देख ले, मैं हूँ कहाँ।
तेरी खुशियाँ जहाँ,
है ये दिल मेरा वहाँ।

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