कुछ तो कशिश है उन आंखों में
जब भी देखता हूँ
निहाल हो जाता हूँ
कमबख्त दिल बेहाल हो जाता है।
जब भी देखता हूँ
निहाल हो जाता हूँ
कमबख्त दिल बेहाल हो जाता है।
ये जो आरजू का आसमान है
ये सागर के समान हैं
इनकी गहराइयों में डूबा मैं
अर्ज़ का ख़याल हो जाता हूँ।
ये सागर के समान हैं
इनकी गहराइयों में डूबा मैं
अर्ज़ का ख़याल हो जाता हूँ।
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