poet shire

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Friday, December 15, 2017

पहलु के अऩजुमन

पहलु के हर अऩजुमन मे सोचा
अापको न सोचने की गुस्ताखियोंं को
पाया हमने चहुंओऱ उजाले
अापके हीं एहसासों के.


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