poet shire

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Friday, December 15, 2017

आपनो ख्याल भी दो




क्या करना है आपनो
खुल के दें बताये,
चटनी चाटन् चाट चाट ,
भुखवा मिट ना पाये . 

रूखे मनवा भेदन, भेद है
सुखल मनवा हुआ असाढ

बदरी पडी सवाल मे,
बुझनी बुझ बुझ जाल
माया अतीरे आपनौ
बुझनी बुझ ऩ पाये



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