(एक प्रेरणात्मक कविता)
जीवन में संघर्ष के दौर ने बहुत कुछ सिखा दिया,
कामयाबी–नाकामयाबी को एक सा बना दिया।
अब शिकायत नहीं है किसी राह से मुझे,
हर ठोकर ने चलना सिखा दिया।
कभी आँधी बनी, कभी बारिश सी बरसी,
हर मौसम ने खुद पे यक़ीन दिला दिया।
जो खोया, वो सबक़ बन गया मेरी सोच में,
जो पाया, उसने भी संजीदा बना दिया।
अब न मंज़िलों की जल्दी है, न रास्तों का ग़म,
सफर ने ही जीना सलीक़े से सिखा दिया।
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