ऐब-ए-हुनर में जीने वाले,
इतराते बहुत हैं।
जहीन-ए-फ़ितरत में जीने वाले,
छुपाते बहुत हैं।
दस्तूर-ए-सच को अपनाने वाले,
निभाते बहुत हैं।
वर्शन 2
हुनर-ए-ऐब में जीने वाले,
इतराते बहुत हैं।
फ़ितरत-ए-जहीन में जीने वाले,
छुपाते बहुत हैं।
सच-ए-दस्तूर को अपनाने वाले,
निभाते बहुत हैं।