poet shire

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Sunday, November 18, 2018

बयां के रंग।

अंदाज़ ए बयां उनके, महताब से हैं
ये दिल के शिकन भी कह देते हैं
और शब ए ग़म झलकते भी नही।

बेताबियां ए उल्फत से खींच लेते हैं
अंजाम, जिक्र ए फिराक का 
और बताते भी नही 
ज़ुल्मत ए शब मिज़ाज़ का।

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