poet shire

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Friday, July 22, 2011

जागो प्यारे.


जागो प्यारे, जागो प्यारे,
जगने से जगता है जग,
जग जगने से जगती दुनिया सारी।

जग सोया है, जग खोया है,
इसीलिए जग रोया है।
जग को नहीं अब सोना है,
जग को नहीं अब खोना है।
जब जग जाओगे प्यारे,
तब जग में सब सोना है।

प्यारे हो तुम इस जग के,
दीपक हो तुम इस जग के।
खुद ही अब जल के,
रोशन जग को करना है।
जग रोशन तो सब रोशन,
अब बुझे हुए नहीं रहना है।

जग जाओ ओ जग के प्यारे,
बन जाओ तुम जग के न्यारे।
जग ज़ाहिर है, जग माहिर है,
सोते को नहीं जानता ऐसा ये जग है।
उठकर जग में पहचान बनाओ अपनी,
दुनिया में आत्म-निशान बनाओ अपनी।

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