This blog is dedicated to poetry born from my tragedies and experiences—events that have allowed my emotions to flow into the stream of verse.
poet shire
poetry blog.
Tuesday, August 20, 2019
Wednesday, April 17, 2019
प्रतिबिम्ब
जब भी देखता हूँ मैं खुद को
इन कविताओं में तुम्हारी,
जिंदगी बड़ी रंगीन सी दिखती है,
ये आयाम है कैसे पैगाम खबर नही
है ये इश्क़ का फ़ितूर या जुनून खबर नही
पर इस बात का गुरुर मुझे है जरूर ।
इन कविताओं में तुम्हारी,
जिंदगी बड़ी रंगीन सी दिखती है,
ये आयाम है कैसे पैगाम खबर नही
है ये इश्क़ का फ़ितूर या जुनून खबर नही
पर इस बात का गुरुर मुझे है जरूर ।
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